स्नातकोत्तर, आकाशवाणी के प्रसारण अधिकारी पद पर चयनित
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रविदत्त मोहता जोधपुर के निवासी हैं तथा वर्तमान में आकाशवाणी सूरतगढ़ में प्रसारण अधिकारी पद पर कार्यरत हैं।
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प्रसारण अधिकारी के पद से 1992 में आकाशवाणी से इस्तीफा देने के बाद जनसत्ता से जुड़ गए.
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प्रोग्राम प्रसारित भी हो गया, लेकिन जो बावेला मचा कि प्रसारण अधिकारी सहित कई कर्मचारियों की नौकरी लेने के साथ ही खत्म हुआ।
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इस वर्ष अगस्त में कैग द्वारा अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में प्रसारण अधिकारी और प्रायोजन समझौतों को लेकर राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति (सीओसी) की आलोचना की गई थी।
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की तरह 33 पर बजाई तो उद्दघोषिका या प्रसारण अधिकारी किसी को यह अलगाव सुनने पर तो मेहसूस नहीं हुआ यह तो अचरज था ही पर जब मैनें प्रसारण अधिकारी को सीधा फोन पर इस गलती पर घ्यान आकर्षित किया तब मूझे सामने पूछा गया कि ' क्या आप इस वक्त स्टूडियोमें है और रेकोर्ड देख़ रहे है क्या?' और फ़िर आघे ही घंटेमें एक और अन्तराल पर उसी
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की तरह 33 पर बजाई तो उद्दघोषिका या प्रसारण अधिकारी किसी को यह अलगाव सुनने पर तो मेहसूस नहीं हुआ यह तो अचरज था ही पर जब मैनें प्रसारण अधिकारी को सीधा फोन पर इस गलती पर घ्यान आकर्षित किया तब मूझे सामने पूछा गया कि ' क्या आप इस वक्त स्टूडियोमें है और रेकोर्ड देख़ रहे है क्या?' और फ़िर आघे ही घंटेमें एक और अन्तराल पर उसी
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क्या मोदी साहब और श्री युनूसजी मेरा अनुरोध पूरा करवायेंगे या करेंगे? मोदी साहब से एक और बिनती है, कि हर मंगल वार विविध भारती की अस्थायी उद्दधोषक श्री मंजू द्विवेदी अंतरालमें श्री अनिल मोहिले की वायोलिन पर बजाई एक 45 आरपीएम एलपी से कोई धून सुनवाती है, वह अन्य सभी एलपी की तरह 33 पर बजा कर ही सुनवाती है तो उनको खुद को या प्रसारण अधिकारी को आज तक उसमें अपने आप सुनते वक्त कुछ अलग सा महसूस नहीं होता है?
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क्या मोदी साहब और श्री युनूसजी मेरा अनुरोध पूरा करवायेंगे या करेंगे? मोदी साहब से एक और बिनती है, कि हर मंगल वार विविध भारती की अस्थायी उद्दधोषक श्री मंजू द्विवेदी अंतरालमें श्री अनिल मोहिले की वायोलिन पर बजाई एक 45 आरपीएम एलपी से कोई धून सुनवाती है, वह अन्य सभी एलपी की तरह 33 पर बजा कर ही सुनवाती है तो उनको खुद को या प्रसारण अधिकारी को आज तक उसमें अपने आप सुनते वक्त कुछ अलग सा महसूस नहीं होता है?
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फोन इन कार्यक्रमों में बात होने के कारण उनसे पहचान रही थी, वे सजीव प्रसारणमें व्यस्त थे, उनसे मिलना चाहा तो ३ बजे सखी सहेली के समय वे प्रसारण कक्ष से बाहर आये, जो खबर मूजे़ पहचानने वाले प्रसारण अधिकारी श्री पी के ए नायर साहबने दी तो उनको ढू~ढ रहा था तो ममताजी ने उनसे परिचय ताझा करवाया तब श्री अशोकजीने मेरी करीब २००१ में जल तरंग पर फिल्मी धून की कार्यक्रम हल्लो आपके अनुरोध में कि हुई फरमाईश (जो कभी मैं रेडियोनामा पर रखू~गा) को तूर्त याद किया ।